झुकने से पहले सिजदे में, ऐ खुदा!
माँ की तस्वीर पा जाता हूँ।
अब तू ही बता कि सिजदा किसे करूँ?
चाहता तो हूँ कि सिर्फ़ तेरी ही करूँ बड़ाई
पर तुझसे पहले पा जाता हूँ ।
अब तू ही बता कि सिजदा किसे करूँ?
जब सिर पर साया नहीं होता तो
पहले उसकी याद आती है।
तू बता दे - सिजदा किसे करूँ?
तू बाँटा करता है जन्नत,
जब माँ के पैरों - तल जन्नत है,
अब बस बता दे! कि सिजदा किसे करूँ?
-करन खिराब्दी तनया करन (ओडिसा)